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सूर्य भगवान् जी को जल कैसे चढ़ाए?, कारण, बिधि और नियम |How to offering the water to sun, reasons, method and rules. By ( MANISH GOLHANI)

 सूर्य भगवान् जी को जल कैसे चढ़ाए?, कारण, बिधि और नियम |How to offering the water to sun, reasons, method and rules By MANISH GOLHANI.

नमस्ते दोस्तों हमारा नाम MANISH GOLHANI है | आपका MANISH G TECHINFO चैनल में स्वागत है | आज के इस BLOG में हम आप लोगों को सूर्य भगवान् जी के बारे मे बताने जा रहे है | हमे  आप लोगोउम्मीद है कि आप लोग इस हमारे Blog को अवश्य पढियेगा | आप यह पढ़ने में लगभग  3 मिनट लगेंगे  |

1} सूर्य क्या है और कौन है?

सूर्य एक ग्रह है जिसके चारो तरफ प्रथ्वी और अन्य ग्रह परिक्रिमा करते है | भारत देश सूर्य को भगवान् माना जाता है | सूर्य भगवान् जी को किसी ने नहीं देखा परन्तु हर व्यक्ति को सूर्य और चंद्रमा ने जरूर देखा है | हमारे भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहो मे सूर्य को राजा और चंद्रमा को रानी माना गया है | सूर्य हमारे सौरमंडल को हमेशा से प्रकाशवान करते हुए आ रहे हैं | विज्ञान की दृष्टि से बिना सूर्य के जीवन की कल्पना करना भी नहीं की जा सकती है | सूर्य को हमारे वेदो मे जगत कि आत्मा कहा गया है | सूर्य की उपासना हमारे भारत देश के अलावा कई अन्य देशों में भी कि जाती हैं | कलयुग मे साक्षात सूर्य और चंद्र को देवता माना जाता है | सूर्य और चंद्रमा को ग्रह मानते है |


2} सूर्य की उत्पत्ति कैसे हुई / सूर्य के जन्‍म कैसे हुआ / सूर्य की उत्पत्ति का कारण क्या है :-

हमारे भारतीय शास्त्रों में लिखा हुआ है कि सूर्य भगवान् जी की उत्पत्ति कैसे हुई | सृष्टि के आरंभ में जब सृष्टि के रचना करने वाले भगवान् ब्रह्म जी के  मुख से "ॐ'' शब्द का उच्चारण हुआ था | यही से सूर्य के प्रारंभिक सूक्ष्म स्वरूप था | फिर इसके बाद ॐ भुः भव तथ स्व शब्द उत्पन्न हुए | ये तीन शब्द पिंड रूप  ''ॐ" में विलीन हुए तो सूर्या  रूप मिला | सृष्टि के प्रारंभ में उत्पन्न होने से इसका नाम आदित्य नाम से जाना जाता है।


3} वैज्ञानिक कारण के अनुसार :-

सूर्य हमारी पृथ्वी का आधार है | सूर्य हमे रोशनी देने के साथ - साथ अन्य ग्रहों को ऊर्जा देता है | अरबों साल पहले अंतरिक्ष मे धूल और गैस के बादल इक्कठे हुये | किसी बल के कारण एक दूसरे से जुड़ने लगे और सुकुडने लगे | जिससे ये ठोस होते ही गुरुत्वाकर्षण बल पैदा हो गया | सूर्य मे हाइड्रोजन और हीलियम जैसी कि क्रियाओं से ऊर्जा उत्पन्न होने लगी और इसी को हम सूर्य कहते हैं | सूर्य पूरा गैस से बना है | सूर्य में किसी प्रकार की सतह नहीं है | इसी कारण सूर्य उत्पन्न हुआ | सूर्य का प्रकाश हमारी पृथ्वी में आने मे 8 मिनट 22 सेकंड लगते हैं | सूर्य रोशनी से अनेक प्रकार के कीटाणु मर जाते है | सूर्य की ऊर्जा से हमे Vitamin D मिलता है | सूर्य की शक्ति बहुत तेज होती है | 



4} सूर्य भगवान् को जल क्यों चढ़ाते हैं :-

सूर्य देव जी को जल चढ़ाने के बारे में हमारे शास्त्रों और वेदो में लिखा हुआ है कि हमे भगवान् सूर्य को जल चढ़ाने का महत्त्व माना जाता है | सूर्य देव जी को प्रसन्न करने के लिए नियमित रूप से जल अर्पित किया जाता है | ऐसा माना जाता है कि सूर्य भगवान् की आराधना से भाग्योदय होता है | इसीलिए ज्योतिष में सूर्य देव को लोग प्रणाम करते है और जल चढ़ाते है | भगवान् श्री राम जी स्वयं जल अर्पण करते थे |


5} सूर्य भगवान् को जल चढ़ाने से क्या लाभ / फायदे है :-

सूर्य भगवान् जी को जल चढ़ाने से निम्नलिखित लाभ / फायदे है :-

1} सूर्य देव जी को जल चढ़ाने के अनेक लाभ है हमारे भारतीय संस्कृति में देवताओं की पूजा का बहुत बड़ा महत्व है | 

2} सूर्य देव जी को जल चढ़ाने से हमारे शरीर की आत्मा शुध्द और आत्मबल प्राप्त होता है और आरोग्य लाभ मिलता है | सूर्य देव जी को नियमित रूप से जल चढ़ाने से सूर्य का प्रभाव शरीर में बढ़ता है | यह आपको ऊर्जावान बनाते हैं | 

3} अगर आप को चश्मा लगा हुआ है तो 21 दिन लगातार सूर्य भगवान् जी को जल अर्पण करने से उनका मोटे से मोटा चश्मा उतर सकता  है | बस आपको सूर्य देव जी को जल चढ़ाने का नियम पढ़ लीजिए और बिल्कुल वैसा ही किजिये। 

4} अगर आपकी नौकरी किसी कारण छूट गई या नौकरी की तलाश में हो तो नियमित रूप से सूर्य देव जी को जल चढ़ाना चाहिए | इससे हमारे राशि बलवान होती हैं | इसीलिए आप से उम्मीद है कि अपनी मेहनत के साथ - साथ सूर्य भगवान् जी की उपासना करते रहिये और अपने लक्ष्य तक पहुंच सके | 

5} सूर्य भगवान् जी को जल चढ़ाते समय हर एक बूंद माध्यम की तरह काम करती है जो वातावरण में उपस्थित विषाणु पदार्थों को दूर करती है | प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देने से हमारी हड्डियाँ ताकतवर होती है | सूर्य का प्रकाश यानी किरणे हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है |


6} सूर्य भगवान् जी को जल कैसे चढ़ाते है / नियम क्या है  

सूर्य भगवान् जी को को जल चढ़ाने के नियम निम्नलिखित है :-

1) सूर्य देव जी को जल चढ़ाने के लिए सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान कर संपन्न हो जाये |

2) स्नान करने के बाद एक पात्र या पीतल के पात्र (लोटे) में जल भरकर | उसमें थोड़ी रोली (सिंदूर), कुमकुम (चावल) और पुष्प डाल लीजिए | 

3) अगर सम्भब हो तो सूर्य देव जी लाल कपड़े पहनकर चढ़ाये | जल के पात्र और अपना मुख ( चेहरा) पूर्व दिशा की ओर से जल अर्पण करे | 

4) जल अर्पण करते समय आपको अपने पैरों पर जल नहीं गिराना है | इससे सूर्य भगवान् जी क्रोधित हो जाते है | अपने पैरों के आगे कोई वस्तु  रख लीजिये

5) जल अर्पण करने के बाद पात्र के टीके को अपने माथे में जरूर लगाइए |


7} सूर्य भगवान् जी के माता पिता कौन है :-

सूर्य भगवान् जी के पिता का नाम महर्षि कश्यप है |
सूर्य भगवान् जी की माता का नाम अदिति है | सूर्य देव जी के सात पुत्र है | परंतु मुख्य है माता छाया के दो पुत्र है एक है मृत्यु के राजा श्री यमराज जी और दूसरे न्याय के राजा श्री शनि देव जी है | 



8} सूर्य भगवान् जी को जल चढ़ते समय निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए :-

    आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने |
        आयुप्रज्ञाबलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ||

                                      या 
                 
    आप गायत्री मंत्र का जप करें तो यह भी अच्छा होता है | 




9} सूर्य भगवान् की के बारह नाम
 =

निम्नलिखित सूर्य भगवान् जी के बारह नाम है :-

                         1) ॐ श्री मित्राय नमः
                         2) ॐ श्री मरीचये नमः 
                        3) ॐ श्री भानवे नमः
                        4) ॐ श्री भास्कराय नमः
                       5) ॐ श्री सवित्रे नमः
                        6) ॐ श्री सूर्याय नमः
                       7) ॐ श्री अकार्य नमः 
                       8) ॐ श्री खगाय नमः
                       9) ॐ श्री पूष्णे नमः
                     10) ॐ श्री आदित्याय नमः
                     11) ॐ श्री रवियै नमः
                   12) ॐ श्री हिरण्यगर्भाय नमः  /

अंत मे दोस्तों हम बस इतना कहना चाहते है कि किसी ने कहा है :-
                
                                                                                        "आग सूरज में होती है ,
                                                                                          तड़पना धरती को पड़ता है, 
                                                                                          सफलता पाने के लिए ,
                                                                                            खुद से लड़ना पड़ता है" |


आपको बहुत धन्यवाद इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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